Trading communities thrive on risks, trust

The much-maligned caste system and the training it provided to budding entrepreneurs may have played a crucial role in India's growth story.

हम भारतीय पाखंडी कैसे हो गए?

दूसरों से मुझे बचाना तो राज्य का कर्तव्य है, लेकिन मुझे खुद से ही बचाना इसके दायरे में नहीं आता। हमारे संविधान में यही धारणा निहित है, जो जिम्मेदार नागरिक के रूप में मुझ पर भरोसा करता है और राज्य से हस्तक्षेप के बिना मुझे अपनी जिंदगी शांतिपूर्वक जीने की आजादी देता है। इसीलिए पोर्न साइट ब्लॉक करने का सरकार का आदेश गलत था। उसे श्रेय देना होगा कि उसने जल्दी ही अपनी गलती पहचान ली और रुख बदल लिया- इसने वयस्कों की साइट से प्रतिबंध हटा लिया जबकि चाइल्ड पोर्न साइट पर पाबंदी जारी रखी, जो बिल्कुल उचित है। प्रतिबंध के बचाव में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारतीय संस्कृति और परं

सुधारों के लिए जूझते मोदी

स्वतंत्रता दिवस का अवसर थोड़ा रुकने, रोजमर्रा की घटनाओं पर सोच का दायरा बढ़ाने और पिछले 68 साल के दौरान अपने देश की यात्रा पर नजर डालने का बढिय़ा वक्त होता है। आजाद देश के रूप में अपने भ्रमपूर्ण इतिहास पर जब मैं नजर डालता हूं तो कुहासे में मील के तीन पत्थरों को किसी तरह देख पाता हूं। अगस्त 1947 में हमने अपनी राजनीतिक लड़ाई जीती। जुलाई 1991 में आर्थिक आजादी हासिल की और मई 2014 में हमने सम्मान हासिल किया। मैं आजादी के बाद के आदर्शवादी दिनों में पला-बढ़ा जब हम आधुनिक, न्यायसंगत भारत के जवाहरलाल नेहरू के सपने में यकीन करते थे। लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए, हमने पाया कि नेहरू क

Elusive tryst with destiny: Sixty-eight years into Independence, the market still remains in chains

An approaching Independence Day is a good time to pause, extend our circle of concern beyond day-to-day events, and reflect upon our nation`s journey over the past 68 years as a free nation. As i look back on our confused history as an independent nation, i discern in the fog three great milestones: in August 1947 we won our political freedom; in July 1991 we gained economic liberty; and in May 2014 we attained dignity.

Porn, prudes and the parampara of optimism

The state has a duty to protect me from others but not from myself. This is the premise behind our Constitution, which reposes trust in me as a responsible citizen and gives me freedom to pursue my life in peace without interference from the state. Hence, the government was wrong in banning 857 pornography sites last weekend. To its credit, it realized its mistake by Tuesday and reversed its stand: it unbanned adult sites while rightly retaining the ban on child pornography.

ये पांच चुनाव सुधार तत्काल हों

हमारे गणतंत्र के साथ कुछ बहुत ही गलत हो गया है। हाल ही में शुरू हुए संसद के मानसून सत्र पर अपशकुन के बादल मंडरा रहे हैं। सांसदों को हमारी नाजुक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बारे में गहरी चिंता होनी चाहिए, हर महीने 10 लाख रोजगार कैसे लाएं यह सोचना चाहिए और वे हैं कि अगले घोटाले के बारे में सोच रहे हैं। जहां विपक्षी सांसदों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि संसद को कैसे ठप किया जाए, सत्ता पक्ष के सांसद घबराए खरगोशों की तरह भाग रहे हैं। दोनों भूल रहे हैं कि उन्हें क्यों निर्वाचित किया गया था।

Wanted: Vyapam reforms to overhaul our democracy

Something has gone terribly wrong with our republic. There are ominous clouds over the approaching monsoon session of Parliament. When MPs should be deeply concerned with the fragile nature of our economic recovery, debating how to create a million jobs a month, they are straggling back to work in a stupor having forgotten why they were elected.

व्यापारिक भूतकाल, मौजूदा कूटनीति

बांग्लादेश के साथ हुआ समझौता ऐतिहासिक है। इससे कश्मीर जितना ही पुराना विवाद तो हल हुआ ही, उपमहाद्वीप को साझा बाजार की ओर बढ़ने में भी मदद मिली है। व्यापार और निवेश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अथक कूटनीति का ताजगीदायक फोकस है। सत्ता में आने के बाद से ही हमारे पड़ोसियों की जरूरतों पर उन्होंने बहुत निकटता से गौर किया है, जिसका फल अब सामने आ रहा है। हालांकि, समझौते पर बरसों से काम हो रहा था, लेकिन इतिहास इसका श्रेय मोदी को देगा। अन्य किसी भारतीय नेता की तुलना में उनमें यह सहज समझ है कि सत्ता धान के कटोरे से आती है न कि बंदूक की नली से, जैसा कि माओ का विश्वास था। इस संदर्भ म